शायर
“शायर कोई मैं खुदको कहता नहीं,बस मेरे लफ्ज़ लोगों को भा जाया करते हैं। राहों पर मैं अक्सर अकेले ही निकलता हूँ;महफ़िल जमाने लोग खुद ही आ जाया करते हैं।” –––––––––––––– “इन रातों से कोई शिकवा नहीं है,अगर मैं चाँद हूँ तो मेरा नूर तुम हो। नहीं कोई […]